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21 Sep 2024 · 1 min read

क्षणिका …

क्षणिका …

दे जाती है
कितने ही ग़म
ग़म भुलाने के नाम पर
कम्बख़्त शराब
होश में
आने के बाद

सुशील सरना

8 Views
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