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29 Jul 2019 · 1 min read

क्षणिका

1 काले काले बादलों की गड़गड़ाहट से
किसान मुस्कुरा उठता है
आज विधाता ने
मेरी पुकार सुनली।
2 फसलो की हरियाली देख
किसान मन्त्र मुग्ध होता
फल्ली लगते ही खिल उठता है
फसल के पकते ही
खूशी से झूम उठता है।

Language: Hindi
203 Views
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