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20 Mar 2021 · 1 min read

क्षणिकाएं

1.

बालक , जब तुम चंचलता छोड़ो
जब तुम शरारतों से नाता तोड़ो

जब तुम अज्ञान से मुंह मोड़ो
तब तुम समझना
तुम उत्कर्ष राह पर अगसर हो

2.

सुन्दर हो तुम , ये मान लो
श्रेष्ठतम हो तुम, ये जान लो

पवित्र है आत्मा तुम्हारी
तुम सच्चे मानव हो , ये जान लो

Language: Hindi
2 Likes · 2 Comments · 497 Views
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Books from अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
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