क्षणिकाएं!
✍️ क्षणिकाएं
मायका!
खुशियों का जायका
कौन समझ पाएगा
बारिश!
नैहर जाने की आस
भर देती उल्लास
मां का आंगन!
बहन भाई संग,
बीता बचपन
उछाल के चावल!
गई जो बेटी,
पल भर में हुई पराई
____ मनु वाशिष्ठ
✍️ क्षणिकाएं
मायका!
खुशियों का जायका
कौन समझ पाएगा
बारिश!
नैहर जाने की आस
भर देती उल्लास
मां का आंगन!
बहन भाई संग,
बीता बचपन
उछाल के चावल!
गई जो बेटी,
पल भर में हुई पराई
____ मनु वाशिष्ठ