Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
7 Nov 2021 · 1 min read

क्रोध :विनाश का कारण

क्रोध अहंकार से प्रारंभ होता है ,
और विनाश पर समाप्त होता है ।
क्रोध से घर ,देश और समाज की ,
सुख ,समृद्धि ,शांति,प्रेम ,मान ,
सम्मान सब कुछ नष्ट हो जाता हैं

Language: Hindi
2 Likes · 3 Comments · 732 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from ओनिका सेतिया 'अनु '
View all
You may also like:
सृष्टि के कर्ता
सृष्टि के कर्ता
AJAY AMITABH SUMAN
हर पल ये जिंदगी भी कोई ख़ास नहीं होती।
हर पल ये जिंदगी भी कोई ख़ास नहीं होती।
Phool gufran
कभी कभी
कभी कभी
Mamta Rani
मन  बंजारा  लौट  चला  है, देखी  दुनियादारी।
मन बंजारा लौट चला है, देखी दुनियादारी।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
जमाना खराब हैं....
जमाना खराब हैं....
Dr. Akhilesh Baghel "Akhil"
उसको ख़ुद से ही ये गिला होगा ।
उसको ख़ुद से ही ये गिला होगा ।
Neelam Sharma
😢गुस्ताख़ कौन?
😢गुस्ताख़ कौन?
*प्रणय प्रभात*
मोबाइल भक्ति
मोबाइल भक्ति
Satish Srijan
मानवता
मानवता
Rahul Singh
सपना है आँखों में मगर नीद कही और है
सपना है आँखों में मगर नीद कही और है
Rituraj shivem verma
राह मुश्किल हो चाहे आसां हो
राह मुश्किल हो चाहे आसां हो
Shweta Soni
3824.💐 *पूर्णिका* 💐
3824.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
खुशी पाने का जरिया दौलत हो नहीं सकता
खुशी पाने का जरिया दौलत हो नहीं सकता
नूरफातिमा खातून नूरी
Bindesh kumar jha
Bindesh kumar jha
Bindesh kumar jha
इश्क़ से अपने कुछ चुने लम्हें
इश्क़ से अपने कुछ चुने लम्हें
Sandeep Thakur
जब कोई दिल से जाता है
जब कोई दिल से जाता है
Sangeeta Beniwal
यदि  हम विवेक , धैर्य और साहस का साथ न छोडे़ं तो किसी भी विप
यदि हम विवेक , धैर्य और साहस का साथ न छोडे़ं तो किसी भी विप
Raju Gajbhiye
तमन्ना थी मैं कोई कहानी बन जाऊॅ॑
तमन्ना थी मैं कोई कहानी बन जाऊॅ॑
VINOD CHAUHAN
" डर "
Dr. Kishan tandon kranti
उफ़ ये कैसा असर दिल पे सरकार का
उफ़ ये कैसा असर दिल पे सरकार का
Jyoti Shrivastava(ज्योटी श्रीवास्तव)
बस तुम हो और परछाई तुम्हारी, फिर भी जीना पड़ता है
बस तुम हो और परछाई तुम्हारी, फिर भी जीना पड़ता है
पूर्वार्थ
मैं लिखूं अपनी विरह वेदना।
मैं लिखूं अपनी विरह वेदना।
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
तंत्र  सब  कारगर नहीं होते
तंत्र सब कारगर नहीं होते
Dr Archana Gupta
इस दिल में .....
इस दिल में .....
sushil sarna
*तू ही  पूजा  तू ही खुदा*
*तू ही पूजा तू ही खुदा*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
प्रथम दृष्ट्या प्यार
प्रथम दृष्ट्या प्यार
SURYA PRAKASH SHARMA
मुहब्बत के मआनी मुझे आते ही नहीं,
मुहब्बत के मआनी मुझे आते ही नहीं,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
गाँव इतना छोटा है
गाँव इतना छोटा है
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
दान किसे
दान किसे
Sanjay ' शून्य'
मेहनत की कमाई
मेहनत की कमाई
Dr. Pradeep Kumar Sharma
Loading...