किसकी ‘क्रिसमस’
किसकी ‘क्रिसमस’
आज है, ‘अटल’ जन्मदिवस;
पर सब हैं , मनाने को बेबस;
मेरी क्रिसमस, तेरी क्रिसमस;
है आखिर,किसकी क्रिसमस;
क्यों सब पर, भारी क्रिसमस;
पच्चीस दिसंबर, प्यारा होता;
हाथ में कैंडल, व जाड़ा होता;
सब जाते , फैशन की मंजिल;
कुछ बनते, डिसूजा व एंजिल;
आज , इस ओर ही भागे सब;
घर अंधेरा,कैंडल ले आगे सब;
पता नही कब,देशी जागे सब;
भेष बदलते , वो बांटें उपहार;
बचा नहीं है,सनातनी संस्कार;
नकली माइकल बनना, छोड़ो;
सनातनी तू,अटल हाथ जोड़ो;
दिशा दिया, जो निज देश को;
उससे कभी , नाता मत तोड़ो;
दूसरों के जूठे, कोई चाटो मत;
सब बनाओ,अब तो देशी मत;
नही तो देश बाटेगा,फिर बंदर;
सब अपना लो , हिंदी कैलेंडर।
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………✍️.पंकज कर्ण
……………..कटिहार।
तिथि: २५/१२/२०२१