क्यों?
ये बात-बात की तकरार क्यों
ये मात-घात की पतवार क्यों
ये जात-पात की दीवार क्यों।
ये मतलब की रीति क्यों
झूठी तलब की नीति क्यों
सिर्फ मैं की प्रीति क्यों।
ये धन तीव्रतम इच्छा क्यों
मानव -जीवन की कठिन परीक्षा क्यों
हर रिश्तें की अब समीक्षा क्यों ।
आम आदमी इतना बेहाल क्यों
किसी को न कोई मलाल क्यों
मेरे भारत महान का ये हाल क्यों!
प्रिया प्रिंसेस पवाँर
Priya princess panwar
स्वरचित,मौलिक