क्यों हो खफा हम….
खफा है बहुत से
मुझ से,
पर हम खफा नही
किसी से,
क्यों हो खफा हम
किसी से,
किसी से हमने लिया
कुछ नही,
दे दिया जो था
सब कुछ,
जमाने को कर
दरकिनार
प्यार के विश्वास में,
दिया वापस मांगना गुनाह है तो
तो ये गुनाह ही सही
खफा ही सही,
अब चाह न कुछ भी
बस…मेरा विश्वास दे दो,
प्यार है तो विश्वास है
विश्वास है तो प्यार है,
बस….ये न टूट पाये
मुखोटा पहन चेहरे पर
प्यार का
विश्वास का
कोई लूट न पाये,
क्यों हो खफा हम
किसी से
किसी से हमने लिया
कुछ नही।।
^^^^^^दिनेश शर्मा^^^^^^^