Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
3 Jul 2024 · 1 min read

क्यों याद तुमको हम कल करेंगे

क्यों याद तुमको हम कल करेंगे।
तुमने हमको ऐसा क्या दिया है।।
क्यों खत तुमको हम कल लिखेंगे।
तुमने हमें कभी क्या प्यार दिया है।।
क्यों याद हमको———————-।।

मोहब्बत के बदले नफरत तुमने की है।
बहुत बेवफ़ाई हमसे तुमने की है।।
दुश्मन भी ऐसा नहीं कर सकेगा।
सितम वह तुमने हमपे किया है।।
क्यों याद हमको——————।।

विश्वास तुमने उन पर किया है।
बदनाम तुमको जिन्होंने किया है।।
फिर भी उनको तुमने हँसते हुए।
सब कुछ अपना दे दिया है।।
क्यों याद हमको—————–।।

कभी क्या खुशी तुमने हमको दी है।
इज्जत कभी क्या तुमने हमको दी है।।
आबाद हमने तुमको किया था।
बर्बाद तुमने जबकि हमको किया है।।
क्यों याद हमको——————।।

जी नहीं सकेगी तू हमारे बिना कल।
तुम्हें याद आयेगी बहुत हमारी कल।।
क्यों अब कदम तेरी दर पर रखेंगे।
बदनाम हमको तुमने तेरे घर किया है।।
क्यों याद हमको——————–।।

शिक्षक एवं साहित्यकार
गुरुदीन वर्मा उर्फ़ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)

Language: Hindi
Tag: गीत
82 Views

You may also like these posts

ये क्या से क्या होती जा रही?
ये क्या से क्या होती जा रही?
पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप"
बड़े वे भाग्यशाली दोस्त जिनके साथ चलते हैं
बड़े वे भाग्यशाली दोस्त जिनके साथ चलते हैं
Dr Archana Gupta
त्यौहार
त्यौहार
Shekhar Deshmukh
World Book Day
World Book Day
Tushar Jagawat
4119.💐 *पूर्णिका* 💐
4119.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
..
..
*प्रणय*
जिस डाली पर बैठो हो,काट न बंधु डाल रे
जिस डाली पर बैठो हो,काट न बंधु डाल रे
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
यायावर
यायावर
Satish Srijan
Sub- whatever happen happens for good
Sub- whatever happen happens for good
DR ARUN KUMAR SHASTRI
"वो आईना"
Dr. Kishan tandon kranti
मॉं जय जयकार तुम्हारी
मॉं जय जयकार तुम्हारी
श्रीकृष्ण शुक्ल
ॐ
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
गम
गम
इंजी. संजय श्रीवास्तव
मुझे तुम अपनी बाँहों में
मुझे तुम अपनी बाँहों में
DrLakshman Jha Parimal
(((((((((((((तुम्हारी गजल))))))
(((((((((((((तुम्हारी गजल))))))
Rituraj shivem verma
साथ अपनों का छूटता गया
साथ अपनों का छूटता गया
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
तेरे मेरे सपने
तेरे मेरे सपने
Dr. Rajeev Jain
मेरी अलमारी
मेरी अलमारी
अरशद रसूल बदायूंनी
बेटी दिवस पर
बेटी दिवस पर
डॉ.सीमा अग्रवाल
गरिबी र अन्याय
गरिबी र अन्याय
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
बाजार री चमक धमक
बाजार री चमक धमक
लक्की सिंह चौहान
माँ ....लघु कथा
माँ ....लघु कथा
sushil sarna
मेरे अंतस मे बह गए
मेरे अंतस मे बह गए
Meenakshi Bhatnagar
माँ
माँ
Neelam Sharma
होली के पावन पर्व पर पुलवामा शहीदों और पल - पल शहीद होते अन्
होली के पावन पर्व पर पुलवामा शहीदों और पल - पल शहीद होते अन्
Seema Verma
कोई त्योहार कहता है कोई हुड़दंग समझता है
कोई त्योहार कहता है कोई हुड़दंग समझता है
Kanchan Gupta
''आशा' के मुक्तक
''आशा' के मुक्तक"
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
हवा भी कसमें खा–खा कर जफ़ायें कर ही जाती है....!
हवा भी कसमें खा–खा कर जफ़ायें कर ही जाती है....!
singh kunwar sarvendra vikram
शूर शस्त्र के बिना भी शस्त्रहीन नहीं होता।
शूर शस्त्र के बिना भी शस्त्रहीन नहीं होता।
Sanjay ' शून्य'
निर्मोही से लगाव का
निर्मोही से लगाव का
Chitra Bisht
Loading...