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29 May 2024 · 1 min read

क्यों गुजरते हुए लम्हों को यूं रोका करें हम,

क्यों गुजरते हुए लम्हों को यूं रोका करें हम,
जो गुजरता है, बस गुजरता ही चला जाता है

©️ डॉ. शशांक शर्मा “रईस”

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