Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
31 May 2018 · 1 min read

क्यों कहते हैं?

चाय की दुकान पर नये-पुराने ग्राहकों के बीच एक ऐसा ग्राहक कुक्कू जिसे दोबारा कभी उस जगह नहीं आना था। कुक्कू के साथ उसकी रूसी गर्लफ्रेंड डेना भी थी।

कुक्कू – “ओए! 2 चाय, एक खस्ता बना।”

चाय वाला – “ठीक है सर।”

कुक्कू – “….और सुन बे! अच्छी चाय ज़्यादा दूध वाली साथ में खस्ता बड़ा वाला एक्स्ट्रा चटनी के साथ।”

चाय वाला – “अच्छा!”

इसके बाद दुकानदार खुद से बड़बड़ाया। – “क्यों? औरों से ज़्यादा पैसे दे रहे हो जो सब एक्स्ट्रा चाहिए?”

कुक्कू साहब ने बड़बड़ाहट में अपनी तौहीन सुन ली थी। तुरंत कुपोषित चाय वाले की रसीद काटने के लिए उसका कॉलर पकड़ लिया।

“हरामखोर! उतना बोल जितना है। इतना ग़लत कमाते हो तुम लोग….”

चाय वाला – “नहीं पीनी तो मत पियो, साब! गाली क्यों दे रहे हो? किसी भी सरकारी या प्राइवेट दफ्तर में चले जाओ….पूरी दुनिया ही ग़लत कमा रही है।”

कुछ हिन्दी और हाव-भाव समझ रही डेना ने कुक्कू से पूरी बात समझनी चाही।

जब कुक्कू ने बात समझायी तो डेना बोली -“चाय वाला सही तो कह रहा है। जैसा दाम, वैसा काम…या तो फिर सभी को हमारे जैसा सर्व करे या हमें सबके जैसी चाय और खस्ता परोसे।”

कुक्कू झुंझला कर बोला – “नहीं बेबी, तुम समझ नहीं रही हो। ऐसा यहाँ कहते हैं…”

डेना का मासूम सवाल – “क्यों कहते हैं?”

समाप्त!

==========

Language: Hindi
530 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
महाकाल भोले भंडारी|
महाकाल भोले भंडारी|
Vedha Singh
काश तुम मेरे पास होते
काश तुम मेरे पास होते
Neeraj Mishra " नीर "
ऋतु शरद
ऋतु शरद
Sandeep Pande
Dr Arun Kumar shastri  एक अबोध बालक 🩷😰
Dr Arun Kumar shastri एक अबोध बालक 🩷😰
DR ARUN KUMAR SHASTRI
राम से बड़ा राम का नाम
राम से बड़ा राम का नाम
Anil chobisa
भार्या
भार्या
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
नारी सम्मान
नारी सम्मान
Sanjay ' शून्य'
अतीत
अतीत
Shyam Sundar Subramanian
बुंदेली दोहा- तिगैला
बुंदेली दोहा- तिगैला
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
नारी का सम्मान नहीं तो...
नारी का सम्मान नहीं तो...
Mohan Pandey
सावन बीत गया
सावन बीत गया
Suryakant Dwivedi
ସେହି ଲୋକମାନେ
ସେହି ଲୋକମାନେ
Otteri Selvakumar
"वक्त"
Dr. Kishan tandon kranti
चश्मा
चश्मा
Awadhesh Singh
अहंकार और अधंकार दोनों तब बहुत गहरा हो जाता है जब प्राकृतिक
अहंकार और अधंकार दोनों तब बहुत गहरा हो जाता है जब प्राकृतिक
Rj Anand Prajapati
सत्य खोज लिया है जब
सत्य खोज लिया है जब
Buddha Prakash
यूपीएससी या एमपीपीएससी के युद्धक्षेत्र में, आप अर्जुन हैं, ज
यूपीएससी या एमपीपीएससी के युद्धक्षेत्र में, आप अर्जुन हैं, ज
पूर्वार्थ
जमाना खराब हैं....
जमाना खराब हैं....
Dr. Akhilesh Baghel "Akhil"
कहते हैं तुम्हें ही जीने का सलीका नहीं है,
कहते हैं तुम्हें ही जीने का सलीका नहीं है,
manjula chauhan
अब तू किसे दोष देती है
अब तू किसे दोष देती है
gurudeenverma198
4820.*पूर्णिका*
4820.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
मातृभूमि पर तू अपना सर्वस्व वार दे
मातृभूमि पर तू अपना सर्वस्व वार दे
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
जन्म पर बाटी मिठाई
जन्म पर बाटी मिठाई
Ranjeet kumar patre
स्त्री
स्त्री
Ajay Mishra
*श्री रामप्रकाश सर्राफ*
*श्री रामप्रकाश सर्राफ*
Ravi Prakash
मन की प्रीत
मन की प्रीत
भरत कुमार सोलंकी
धक धक धड़की धड़कनें,
धक धक धड़की धड़कनें,
sushil sarna
रिश्तों में दोस्त बनें
रिश्तों में दोस्त बनें
Sonam Puneet Dubey
काश.......
काश.......
Faiza Tasleem
वक़्त को वक़्त
वक़्त को वक़्त
Dr fauzia Naseem shad
Loading...