क्योंकि चूक तो चूक होती है !
क्योंकि चूक तो चूक होती है !
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चूक भले छोटी ही क्यूॅं ना हो ,
वो बहुत ही भारी पर जाती है !
अच्छे-खासे बने-बनाए खेल को ,
पल भर में ही बिगाड़ जाती है !!
क्योंकि चूक तो चूक होती है……
असल मुद्दा तो लक्ष्य हासिल करना होता ,
पर कोई चूक लक्ष्य तक पहुॅंचने ही न देता !
जब इंगित लक्ष्य हासिल ही नहीं हो पाता ,
तो अनाप-शनाप मेहनत से क्या फायदा ??
क्योंकि चूक तो चूक होती है……….
काफ़ी मेहनत व मशक्कत के बाद भी….
इंसान जब कुछ हासिल ही न कर पाता !
तो उसे लगता कि वो मेहनत ही क्यूॅं किया !
बाद में वो सर पटककर खूब रोता,पछताता !!
क्योंकि चूक तो चूक होती है……….
चूक ना हो कभी, इसके लिए एकाग्रचित्त रहें !
मन-मस्तिष्क को सकारात्मक दिशा प्रदान करें !
इधर-उधर की बातों से खुद को सदा अलग रखें !
किसी विषय को हल्के में लेने की भूल ना करें !!
क्योंकि चूक तो चूक होती है……….
योगाभ्यास से मनुष्य की ज्ञानेंद्रियाॅं स्थिर रहती !
चिंता फ़िकर से इंसान खुद को विलग रख पाता !
अशांति के बीच भी इंसान खुद को शांत रख पाता !
ईश्वर का ध्यान लगाने से उसमें चार-चाॅंद लग जाता !
चूक की गुंजाइश न बचती निशाना अचूक हो जाता !!
क्योंकि चूक तो चूक होती है………..
इंसान को जीवन में हर मोर्चे पर सफल होना है !
हर पल ही अति जागरूक बनकर उसे रहना है !
लक्ष्य को साधने हेतु दृढ़संकल्पित हो जाना है !
कोशिश यही हो कि तनिक भी चूक ना होने पाए !
ताकि जिसकी तलाश थी वो लक्ष्य झट मिल जाए !!
स्वरचित एवं मौलिक ।
अजित कुमार “कर्ण” ✍️✍️
किशनगंज ( बिहार )
दिनांक : 12-08-2021.
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