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29 May 2021 · 1 min read

— क्यूं लगाते हो —

एक ही चेहरे पर दो चेहरे
एक सच्चा और एक झूठा
सच को छुपाने के लिए
भाई क्यूं तुम लगाते हो

आँखे सच देखती हैं
उस को झूठ क्यूं समझाते हो
जुबान से अपशब्द को बोलकर
खुद ही झूठे बन जाते हो

झूठ का दामन छलनी रहता
सच की चादर क्यूं नही ओढ़ते
कथनी करनी में फर्क क्यूं रखते
आखिर भी तो सच ही तो कहते

मत लगाओ चेहरे पर दूजा चेहरा
एक सा बन के चलाओ जिन्दगी
जैसा देखो इन आँखों से तुम
जुबान से भी तो वो करो बंदगी !!

अजीत कुमार तलवार
मेरठ

Language: Hindi
1 Like · 311 Views
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