क्या हो गया
होते होते ये क्या हो गया जो नहीं था मेरा वह खुदा
हो गया
देख कर उसको आंखें झुकी
न जाने कब यह क्या हो गया
बड़ी छोटी सी यह मुलाकात थी
गहरे राजो की दास्तां हो गई
तुम मिले थे कभी जिस मोड़ पर
उस गली में जाने की लत लग गई
अब तक थी मैं तो बिखरी पड़ी
तूने आकर सवारा तो खिल गई……