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2 Sep 2021 · 1 min read

— क्या हो गया जमाने को —

कभी डर लगता था , कि
कहीं दुशमनी न हो जाए
राह चलते कोई साथ में
अनहोनी ही न हो जाए !!

एक खौफ्फ़ सब के दिल में
हर वक्त घर बना लेता था
सही से घर पहुँच जाए
बस कहीं देर न हो जाए !!

आज दुशमन बन बैठा
घर के अंदर सपूत ही
किया क़त्ल माता पिता का
अब कैसे विश्वाश हो जाए !!

न जाने क्या हुआ है जमाने को
यह कैसा खेल रच दिया है
अपने ही रिश्तों को लाश
बनाकर सब के सामने रख दिया है !!

अजीत कुमार तलवार
मेरठ

Language: Hindi
3 Likes · 1 Comment · 300 Views
Books from गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
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