Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
20 Jul 2021 · 1 min read

क्या हमारे लिए कुछ छोड़ा है तुमने ?

परिंदे पूछते हैं इंसानों से ,
क्या धरती पर तुमने हमारे लिए ,
कुछ छोड़ा है ?
बोलो ! हम कैसे जिएं ?

यह आसमान जिसपर हम विचरते थे ,
कारखानों के धुंए से मटमैला कर दिया ।
बोलो! हम कहा उड़े ?

इन हवाओं में हम भी सांस लेते थे,
इनको भी तुमने वाहनों और कारखानों के
धुंए से विषैला कर दिया ।
हमारा दम घुट रहा है ,
बोलो !हम सांस कैसे ले ?

तुमने धरती के सभी जलस्रोत मैले कर दिए ,
हम कुछ पर अपना अधिकार जमा दिया ।
अब बताओ! हमें प्यास लगे तो पानी कहां से पिएं?

तुम्हे खुद के रहने के लिए जमीन चाहिए थी ,
तुमने अनगिनित पेड़ काट डाले ।
इन्हीं में हम अपने घोंसले बनाते थे ।
तुमने हमारा छोटा सा घर भी उजाड़ दिया।
अब बोलो ! हम कहां रहे ।

इस धरती पर सब कुछ तो तुमने बरबाद कर दिया।
अपने स्वार्थ और लालच में अंधे होकर ।
हमारे बारे में तुमने एक बार भी नहीं सोचा ।
सारी सृष्टि पर तुमने कब्जा कर लिया ।
क्या हमारे लिए धरती पर तुमने,
छोटा सा कोना भी छोड़ा है ?

Language: Hindi
5 Likes · 8 Comments · 433 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from ओनिका सेतिया 'अनु '
View all
You may also like:
अछूत....
अछूत....
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
"नारियल"
Dr. Kishan tandon kranti
सम्बन्ध वो नहीं जो रिक्तता को भरते हैं, सम्बन्ध वो जो शून्यत
सम्बन्ध वो नहीं जो रिक्तता को भरते हैं, सम्बन्ध वो जो शून्यत
ललकार भारद्वाज
Still I Rise!
Still I Rise!
R. H. SRIDEVI
बृद्धाश्रम विचार गलत नहीं है, यदि संस्कृति और वंश को विकसित
बृद्धाश्रम विचार गलत नहीं है, यदि संस्कृति और वंश को विकसित
Sanjay ' शून्य'
नियति
नियति
surenderpal vaidya
*जलते हुए विचार* ( 16 of 25 )
*जलते हुए विचार* ( 16 of 25 )
Kshma Urmila
वीणा-पाणि वंदना
वीणा-पाणि वंदना
राधेश्याम "रागी"
ऐ मेरी जिंदगी
ऐ मेरी जिंदगी
पूनम कुमारी (आगाज ए दिल)
शमा जली महफिल सजी,
शमा जली महफिल सजी,
sushil sarna
गर्मी
गर्मी
Ranjeet kumar patre
शहर तुम्हारा है तुम खुश क्यूँ नहीं हो
शहर तुम्हारा है तुम खुश क्यूँ नहीं हो
©️ दामिनी नारायण सिंह
जो भी मिलता है उससे हम
जो भी मिलता है उससे हम
Shweta Soni
होली
होली
Madhu Shah
"आँगन की तुलसी"
Ekta chitrangini
3858.💐 *पूर्णिका* 💐
3858.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
प्यार के पंछी
प्यार के पंछी
Neeraj Agarwal
आसाँ नहीं है - अंत के सच को बस यूँ ही मान लेना
आसाँ नहीं है - अंत के सच को बस यूँ ही मान लेना
Atul "Krishn"
आप लोग अभी से जानवरों की सही पहचान के लिए
आप लोग अभी से जानवरों की सही पहचान के लिए
शेखर सिंह
दर्द अपना
दर्द अपना
Dr fauzia Naseem shad
चरित्र साफ शब्दों में कहें तो आपके मस्तिष्क में समाहित विचार
चरित्र साफ शब्दों में कहें तो आपके मस्तिष्क में समाहित विचार
Rj Anand Prajapati
सबसे क़ीमती क्या है....
सबसे क़ीमती क्या है....
Vivek Mishra
#प्रभात_वंदन (श्री चरण में)
#प्रभात_वंदन (श्री चरण में)
*प्रणय प्रभात*
वर्तमान
वर्तमान
Shyam Sundar Subramanian
गम की बदली बनकर यूँ भाग जाती है
गम की बदली बनकर यूँ भाग जाती है
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
बस तुम हो और परछाई तुम्हारी, फिर भी जीना पड़ता है
बस तुम हो और परछाई तुम्हारी, फिर भी जीना पड़ता है
पूर्वार्थ
जिंदगी में सफ़ल होने से ज्यादा महत्वपूर्ण है कि जिंदगी टेढ़े
जिंदगी में सफ़ल होने से ज्यादा महत्वपूर्ण है कि जिंदगी टेढ़े
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
माँ सरस्वती अन्तर्मन मन में..
माँ सरस्वती अन्तर्मन मन में..
Vijay kumar Pandey
युग परिवर्तन
युग परिवर्तन
आनन्द मिश्र
खेल खिलाड़ी
खेल खिलाड़ी
Mahender Singh
Loading...