क्या हक़ीक़त है ,क्या फ़साना है
क्या हक़ीक़त है ,क्या फ़साना है
तुझे भी पता है,मुझे भी पता है
कोई लफ़्ज़ पढ़ता है,वाह वाह करता है
तेरे दिल का दर्द है,मेरे दिल की सदा है
वक़्त ने इस मोड़ पर,किया हमको खड़ा है
कल जुदा हो जाएँ ,तो किसकी ख़ता है
आज मैं यहाँ हूँ,और तू भी यहाँ हूँ
इस पल को जी लें,कल जाने कहाँ हैं
थोड़ा मैं लिख दूँ,कुछ तू भी बता दे
शायद लफ़्ज़ों में,हमारी दवा है