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15 May 2024 · 1 min read

क्या लिखू , क्या भूलू

क्या लिखू , क्या भूलू

यादो की बारात आंगन में

झिलमिल सितारे लगे ना प्यारे

कैसे कंहू दिल तनहां तनहां

क्या लिखू , क्या भूलू

आखिर चलु तो किसके दम पर

चली गई यूँही तुम मुड़के न देखा दोबारा

कैसे कंहू दिल तनहां तनहां

जी तो रहा हूँ तेरी यादो की सहारे

भुगत रहां हूँ किसकी गुनाह की सजा ?

सवाल तो बहुत हैं लेकिन जवाब नहीं

कैसे कंहू दिल तनहां तनहां

क्या लिखू , क्या भूलू

निकला तो हूँ मंजिल की तलाश में

नहीं पता कब और कैसे ? पाना हैं कैसे

कंहू दिल तनहां तनहां

पगले दिल को कैसे समझावु ?

जानेवाले लौटके नहीं आते कभी

भटक रहा हूँ गांव- गांव शहर – शहर

कैसे कंहू दिल तनहां तनहां

क्या लिखू , क्या भूलू

बात पते की बोल मदारी

खेल , तमाशा दुनिया सारी

कैसे कंहू दिल तनहां तनहां

Language: Hindi
67 Views

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