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2 Jan 2022 · 1 min read

क्या मैं लिखूँ गौरी ( रोमांटिक कविता)

क्या मैं लिखूँ गौरी !/कविता
—————–
नेतलाल यादव
*******************

क्या लिखूँ मैं गौरी !
तेरे लिए, इस साल में
नजरें अटकी है,मेरी
तेरे गोरे -गोरे गाल में
ऊपर से गजरा लगाई हो
अपने लम्बे-लम्बे बाल में
कजरे की धार,नयना कटार
करके तू सोलह श्रृंगार
अँखियों से बहा रही हो प्यार
भर गया है, दिल का जार
गजब ढाह रही हो
अपनी मस्तानी चाल में
क्या लिखूँ मैं गौरी !
तेरे लिए, इस साल में
रूप है अनोखा तेरा
एक छोटे, गाँव में रहती हो
गाँव में ही लगता है दिल
अक्सर मुझसे कहती हो
सरसों की बाड़ी में
तू एकदम काजल लगती हो
पागल हूँ, मैं तेरा प्रेमी
और पागल करती हो
नशा है, बहुत तुम्हारे प्रेम में
संभाल नहीं पाता हूँ हर हाल में
क्या लिखूँ मैं गौरी !
तेरे लिए, इस साल में ।।
00000000
नेतलाल यादव
चरघरा नावाडीह, जमुआ,गिरीडीह, झारखंड
पिन कोड-815318

Language: Hindi
1 Like · 574 Views

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