क्या मिला
ना मा की ममता मिली,
ना पिता का प्यार मिला।
कहीं भ्रूण हत्या तो कहीं…
कुपोषण का उपहार मिला।।
ना वो शिक्षा मिली,
ना वो लाड मिला।
कहीं बचपन तो कहीं…
भविष्य से खिलवाड़ मिला।।
ना वो स्वतंत्रता मिली,
ना वो अधिकार मिला।
कहीं भेदभाव तो कहीं…
बंधनों का संसार मिला।।
ना सरकार का साथ मिला,
ना कानून का हाथ मिला।
कहीं बलात्कार तो कहीं…
इज्जत से खिलवाड़ मिला।।
ना वो मान मिला,
ना वह सम्मान मिला।
कहीं पति की फटकार तो कहीं…
बेटे की दुत्कार मिला।।
ना पसंद का परिवार मिला,
ना खुशियों का संसार मिला।
कहीं घरेलू हिंसा तो कहीं…
दहेज के मार मिला।।