क्या मिला है मुझको, अहम जो मैंने किया
क्या मिला है मुझको, अहम जो मैंने किया।
कोई मेरे साथ नहीं है ,खाली हाथ विदा किया।।
क्या मिला है मुझको————————-।।
काम मैंने क्या क्या किये, एक घर बनाने को।
इसके मेरा अब हक नहीं, बेघर इसने मुझको किया।।
क्या मिला है मुझको————————-।।
बहुत किये थे वादें हमने, छोड़ेंगे नहीं साथ हम।
टूट गया उनसे रिश्ता, जब सलाम आखिरी किया।।
क्या मिला है मुझको————————-।।
मुझको यकीन था पूरा, नहीं हारूँगा मैं बाजी।
लेकिन यह मेरा वहम था, इसने मुझको खत्म किया।।
क्या मिला है मुझको————————-।।
दूर आज मुझसे खड़े हैं, जिनको मैंने अपना कहा था।
बैठा दिया डोली में मुझको, किस घर मुझे रवाना किया।।।
क्या मिला है मुझको————————-।।
शिक्षक एवं साहित्यकार
गुरुदीन वर्मा उर्फ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)