Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
14 Oct 2023 · 1 min read

क्या मथुरा क्या काशी जब मन में हो उदासी ?

क्या मथुरा क्या काशी
जब मन में हो उदासी ?

🌷🌹💐🌹🌹🥀

जीव जगत एक सामाजिक
वसते वस्ती कस्वे गांव नगर

खेत खलियान जल थल नद्य
सागर जंगल झाड़ पात फूल

पर्णी वट विपट पेड़ों की शाखी
मौज मस्ती संग सहेली इनके

कर्म मर्म धर्म आस्था नियम
अद्‌भुत संस्कृति संस्कार जहाँ

वेमिशाल ज्ञान इक प्रेरणादायी
करुणा दया प्रेम प्यार सद्‌भाव

परोपकार अनुशासन आज्ञाकारी
वो हैं भू जगत के वृंदावन वासी

पहचान इसे यहीं तो हैं परमेश्वर
निज कनक धाम मथुरा काशी

घर वसे लक्ष्मी नारायण जनक
जानकी सियाराम अयोध्यावासी

राधा कृष्ण पिता वासुदेव नंद
वावा माता यशोदा वृंदावनवासी

शंकर पार्वती कार्तिकेय गणेश
नन्दी मोर मयूर मूसक सवारी

जो हैं धाम धरा के हिम कैलाशी
घर में ही सब देवी देवों की वास

क्या मथुरा क्या शिव की काशी
करो परिक्रमा निज माता पिता

घर परिवार सामाज नगर वन
वासी मथुरा वृंदावन इक काशी

हँसो बोलो मिलो जुलो प्रेम भाव
सत्कर्म से मिटाओ मन की उदासी

तब समझ में आ जाएगा जग में
क्या मथुरा ? क्या वृंदावन काशी

🍀☘️🙏🙏🙏🙏☘️☘️☘️

तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण

Language: Hindi
213 Views
Books from तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
View all

You may also like these posts

धनपत राय
धनपत राय
MUSKAAN YADAV
सरपरस्त
सरपरस्त
पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप"
*अदरक (बाल कविता)*
*अदरक (बाल कविता)*
Ravi Prakash
"अहसास"
Dr. Kishan tandon kranti
2531.पूर्णिका
2531.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
ग़ज़ल(उनकी नज़रों से ख़ुद को बचाना पड़ा)
ग़ज़ल(उनकी नज़रों से ख़ुद को बचाना पड़ा)
डॉक्टर रागिनी
नारी..... एक खोज
नारी..... एक खोज
Neeraj Agarwal
‘प्रेम’
‘प्रेम’
Vivek Mishra
ओबीसी साहित्य
ओबीसी साहित्य
Dr MusafiR BaithA
पल पल दिल के पास तुम रहती हो
पल पल दिल के पास तुम रहती हो
Johnny Ahmed 'क़ैस'
मिथक से ए आई तक
मिथक से ए आई तक
Shashi Mahajan
ज़िन्दगी
ज़िन्दगी
SURYA PRAKASH SHARMA
पल्लवित प्रेम
पल्लवित प्रेम
Er.Navaneet R Shandily
वो गुलमोहर जो कभी, ख्वाहिशों में गिरा करती थी।
वो गुलमोहर जो कभी, ख्वाहिशों में गिरा करती थी।
Manisha Manjari
इश्क़ कमा कर लाए थे...💐
इश्क़ कमा कर लाए थे...💐
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
🙅सटीक समीक्षा🙅
🙅सटीक समीक्षा🙅
*प्रणय*
दोहा पंचक. . . . शृंगार  रस
दोहा पंचक. . . . शृंगार रस
sushil sarna
मन
मन
Rambali Mishra
मत कुरेदो, उँगलियाँ जल जायेंगीं
मत कुरेदो, उँगलियाँ जल जायेंगीं
Atul "Krishn"
निष्काम,निर्भाव,निष्क्रिय मौन का जो सिरजन है,
निष्काम,निर्भाव,निष्क्रिय मौन का जो सिरजन है,
ओसमणी साहू 'ओश'
जोर लगा के हइसा..!
जोर लगा के हइसा..!
पंकज परिंदा
तेरा नाम रहेगा रोशन, जय हिंद, जय भारत
तेरा नाम रहेगा रोशन, जय हिंद, जय भारत
gurudeenverma198
एहसान
एहसान
Kshma Urmila
ग़म-ए-दिल....
ग़म-ए-दिल....
Aditya Prakash
पाप्पा की गुड़िया.
पाप्पा की गुड़िया.
Heera S
बहुत कुछ पढ़ लिया तो क्या ऋचाएं पढ़ के देखो।
बहुत कुछ पढ़ लिया तो क्या ऋचाएं पढ़ के देखो।
सत्य कुमार प्रेमी
- जिंदगी हो गई क्रिकेट मैच की तरह -
- जिंदगी हो गई क्रिकेट मैच की तरह -
bharat gehlot
दोस्ती
दोस्ती
Phool gufran
इश्क़ नहीं आसान
इश्क़ नहीं आसान
Surinder blackpen
मन में सदैव अपने
मन में सदैव अपने
Dr fauzia Naseem shad
Loading...