क्या बुरा है जिन्दगी में,चल तो रही हैं । क्या बुरा है जिन्दगी में,चल तो रही हैं । हाँ, फरेब,धोखा,नकाब,और बदनियत इन्ही से तो दम भर रही हैं ।