क्या बिगड़ेगा
अभी जाने को ना कह दो तो क्या बिगड़ेगा
कुछ दिन और रुक जाओ तो क्या बिगड़ेगा
जाना तो सबको ही है एक दिन यहाँ से
थोड़े दिन और साथ निभाओ तो क्या बिगड़ेगा
अशोक मिश्र
अभी जाने को ना कह दो तो क्या बिगड़ेगा
कुछ दिन और रुक जाओ तो क्या बिगड़ेगा
जाना तो सबको ही है एक दिन यहाँ से
थोड़े दिन और साथ निभाओ तो क्या बिगड़ेगा
अशोक मिश्र