क्या बात है!!!
क्या बात है!!!
कहते सभी उसकी हर बात पर
इतनी प्यारी बात ही करती थी वो
मिठास घुले हुए थे
हर शब्द में
हर कोई पीना चाहता था
इस रस को
लोगो की इस आकांक्षा ने
उसको घर बैठा दिया
उसका स्कूल छूडा
पहले उसने विरोध किया
सबके इस फ़ैसले का
लेकिन झुक गयी
कुछ कहते हैं कि झुका दी गई थी वह
यह कहकर कि
आखिर लड़की ही हो
कितना पढोगी अब तक
चिट्ठी लिखने-पढने लायक तो बना दिया तुम्हे
(अपने उन सभी मित्रों के लिये जो चाहते हुए भी आगे नहीं पढ सके)