क्या बतायें तमाशा हुआ क्या
क्या बतायें तमाशा हुआ क्या
देखिये और होता है क्या-क्या
क्या अना, क्या वफ़ा, है हया क्या
इस अहद में भला क्या, बुरा क्या
बेनिशां हैं अभी मंजिलें सब
हर कदम देखना आबला क्या
कोस मत तू मुक़द्दर को अपने
सर पटकने से है फायदा क्या
ये नसीबों का है खेल सारा
जो मिला सो मिला अब गिला क्या
दूर तक बदहवासी के साये
दीप फिर नफरतों का जला क्या
हौसला रख थमेगा ये तूफ़ाँ
कर खुदी पे यकीं नाखुदा क्या
हिमकर श्याम