क्या ताउम्र कभी
क्या ताउम्र कभी कोई पीता है साकी?
ग़मे दिल तू ही बता क्या तू भी रोता है कभी?
महबूब की मुस्कुराहटों मे भींगता रहूँ ताउम्र
सपने संजोये थे “किशन” ने ईधर ही कहीं।
सर्वाधिकार सुरक्षित@- किशन कारीगर
क्या ताउम्र कभी कोई पीता है साकी?
ग़मे दिल तू ही बता क्या तू भी रोता है कभी?
महबूब की मुस्कुराहटों मे भींगता रहूँ ताउम्र
सपने संजोये थे “किशन” ने ईधर ही कहीं।
सर्वाधिकार सुरक्षित@- किशन कारीगर