क्या चल रहा हैआजकल
■क्या चल रहा हैआजकल■
जाने कैसा दौर ये चल रहा है आजकल,,
अपना ही अपनो को छल रहा है आजकल,,
इंशा से इंसा की दूरी बड़ी रही देखो,,
न जाने की तरहा आदमी बदल रहा है आजकल,,
क्या कहे नशेड़ियों को तुम बताओ,,
लड़खड़ाकर खुद कानून चल रहा है आजकल,,
धर्म,मजहब मूल से भटक रहा है,,
अपनी कट्टरता में हर कोई जल रहा आजकल,,
बातो की बाते है बहुत सी इसजग में,,
मनु तो बस कलम चलाकर बदल रहा आजकल,,
【मानक लाल मनु】