क्या खूब होता है…
अंधेरी निशा में चांदनी का साथ क्या खूब होता है !
डूबते दरिया में तिनके का सहारा क्या खूब होता है!
जुदाई में हम तड़पते हैं जरूर सनम!
तड़पने में तेरी यादों साथ क्या खूब होता है!!
मिलने की दुआ हर सांस करती है सनम!
तुझसे मिलने का एहसास क्या खूब होता है!!
तन्हा तन्हा सी है जिंदगी मेरे सनम!
संग बिताऐ लम्हो का आनंद क्या खूब होता है!!
आंसूओ से सने चेहरे को क्या कहूँ सनम!
आखों में समाये तेरे चेहरे का एहसास क्या.
खूब होता है!!
गुजर रही है कुछ इस तरह से जिंदगी अपनी!
डूबते सूरज का हाल बो खुद ही कहता है!!
बो खुद ही कहता है-2
रंजीत घोसी