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8 Dec 2024 · 1 min read

क्या खूब थी वो जिंदगी ,

क्या खूब थी वो जिंदगी ,
जिसमें मैं थी और मेरी तन्हाई थी ।
अब है हर तरफ रिश्तों की भीड़ ,
जिसकी हर जुबा खंजर ,
और नजर है पराई सी ।

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Books from ओनिका सेतिया 'अनु '
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