क्या कहें
लिख कर मिटा दिए अल्फ़ाज़ कई,
तुम सुन नही पा रहे थे बात कई,
सोचा क्यों तुमको हैरान करूँ,
तमाशा सरेआम करूँ,
एक घुटन का अनुभव किया,
एक आकाश खुला भी मिला,
यादों के झरोखें से यादें ताकती मिली,
एक अज़ीम शख्श मुझे ताकता मिला।।
#padmajarathoreraghav
#aaskapanchhi