क्या कहें
क्या कहें उनको विजय
जो बेशर्म हमको किए
पर कभी भी शर्म से जो नहीं मरते रहे
क्या कहें
क्या कहें।
क्या कहें उनको विजय
जो शब्द तक लिखे नहीं।
दूसरों गीत लेकिन शान से पढ़ते रहे।।….क्या कहें।
क्या कहें उनको विजय
जो दूसरों के मंच पर,
बिन बुलाए शान से बारहा चढ़ते रहे।।…..क्या कहें
क्या कहें उनको विजय
जो पीठ पीछे वार कर।
सामने दुनिया के लेकिन
पांव तक पड़ते रहे।।….क्या कहें।
क्या कहें