क्या करे जनाब वक़्त ही नहीं मिला
क्या करे जनाब वक़्त ही नहीं मिला…..☺️☺️☺️☺️
सुबह सुबह की भागमभाग में……. नाश्ता छूट गया….
क्या करे जनाब …..वक़्त ही नहीं मिला…..😊😊😢😢
रोज़ माँ शिकायत करती थी ….
की कब आएगी ….💐💐
मैंने हमेशा यहीं कहा कि माँ….
क्या करूं वक्त ही नही मिलता…
फिर वो हमेशा के लिए चली गई..
और मुझे वक़्त ही……
बच्चे भी शिकायत करते हैं
माँ कभी हमारे साथ तो बैठो…
पर कभी वक्त ही नही……मिला
ऑफिस में सोचा.. कि काम निबटा कर ख़त्म करू
मगर क्या करे जनाब वक़्त ही नही मिला…
काम और बढ़ता गया और
न काम के लिए वक्त मिला..
न मेरे लिए …
अब तो अपने लिए भी वक़्त नही मिलता
आख़िर ये वक्त जाता कहा है….
की वक्त को भी वक्त नही है…