√√क्या करें त्यौहार का(गीत)
गीत : क्या करें त्योहार का
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आज फिर बच्चे न आए ,क्या करें त्यौहार का
(1)
फोन बेटे से मिला था, रस-भरी बातें हुईं
वीडियो में दिख गए ,इतनी मुलाकातें हुई
कौन जाने असलियत यह ,या दिखावा प्यार का
(2)
कौन हर्ष-विभोर हो , थाल पूजन का सजाए
यह उदासी जो बसी ,फोन से हरगिज न जाए
साथ हों बेटे – बहू , तो अर्थ है परिवार का
(3)
ठाठ है – ऊँची हवेली ,सब सुखों से रह रहे
बेटे सुशिक्षित-उच्च पद ,गर्व से यह कह रहे
खोखली लेकिन हँसी ,रूदन निकलता हार का
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रचयिता : रवि प्रकाश, बाजार सर्राफा, रामपुर(उ.प्र.)