क्या कभी तुमने कहा
क्या कभी तुमने कहा, प्यार हम करते हैं तुमसे।
ख्वाब हो हमारे तुम, चाहते हैं तुमको दिल से।।
क्या कभी तुमने कहा—————————।।
कभी तुमने यह नहीं कहा, आप हो नूर हमारे।
खुशी मिलती है आपसे, आप हो दिल के सितारे।।
जावो नहीं दूर हमसे, चाहते हैं तुमको दिल से।
क्या कभी तुमने कहा————————-।।
याद करके तुम कहो, खुशी कब दी है हमको।
कब हाल हमारा पूछा, कब दी है इज्जत हमको।।
नसीब आप हमारे हो, चाहते हैं तुमको दिल से।
क्या कभी तुमने कहा————————-।।
परदा यह हमसे कैसा, क्यों नहीं बताते सच हमें।
हमपे क्या शक है तुमको, क्यों नहीं छूने देते हमें।।
आप हो ताज हमारे, चाहते हैं तुमको दिल से।
क्या कभी तुमने कहा————————–।।
शिक्षक एवं साहित्यकार
गुरुदीन वर्मा उर्फ़ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)