क्या आज हो रहा है?
कोई मुझे बता दें क्या आज हो रहा है।
इंसान से लिपट के क्यों इंसान रो रहा है।
हवा बता रही है घर कोई जल रहा है।
सारे जहां के आका क्या तू भी सो रहा है।
सुबह का सूरज भीगा सा लहू से ।
शबनम से तपिश का एहसास हो रहा है।
इन्सानियत की मैय्यत निकली है धूम से।
दुनिया से आज रूखसत इमान हो रहा है।।
जय प्रकाश श्रीवास्तव पूनम