क्या अटल था?
ये अटल या वो अटल था
जिसका टलना मेरा कल था ।
यदि अटल था वो मिलन
पुण्यों का संचित जो फल था,
तपती मरू की रेत पर
गिरता झरने का सा जल था,
तो विधाता टाल देता
ये जो घटना है घटी ।
तुम ही जानो ये कुठारी
किस तरह मैंने सही ।
क्यों जरा सा तू हंसाकर
रुदन का संसार देता ?
नाव जब है ही डुबानी
हाथ क्यों पतवार देता ?
हंस रहा बैठा तू ऊपर
खेल मुझसे कर रहा क्यों ?
जब प्रयत्न न साधने
प्राण फिर भरता है क्यों ?