Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
8 Nov 2023 · 1 min read

कौन???

दिल टूटा तो सबर से जोड़ा
सबर टूटे तो जोड़े कौन
अपना दिल है अपनी ख्वाहिश
अपनी खुशियाँ तोड़े कौन

मेरी ओर सुनामी दुःख की
आती है तो बह जाने दे
बहना ही ज़ब तय है तो
उसकी दिशा को मोड़े कौन

टूट के जुड़ना फिर से टुटना
ज़ब यही नसीब में लाया हूँ
हम तोड़ेंगे कहते हैं अब सब
ये भी कहते के … हथोड़े कौन?

खुद की बाँह में दर्द आह की
चाह नहीं के ठीक भी हो
अपना मन है अपनी इच्छा
खुद की बाँह मड़ोड़े कौन

सब तो मन का भरम सा लगता
भरम से जग का चलना जाहिर
भरम साथ है भले भरम है
भरम को बीच में छोड़े कौन

इल्म भले के पूर्ण न होगा
फिर भी हर पल ढोते हैं
ख्वाब की गगरी कच्ची है पर
पक्की करके फोड़े कौन
-सिद्धार्थ गोरखपुरी

Language: Hindi
1 Like · 647 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
शहर - दीपक नीलपदम्
शहर - दीपक नीलपदम्
दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" }
आज़ाद पैदा हुआ आज़ाद था और आज भी आजाद है।मौत के घाट उतार कर
आज़ाद पैदा हुआ आज़ाद था और आज भी आजाद है।मौत के घाट उतार कर
Rj Anand Prajapati
शराब
शराब
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
किसी मे
किसी मे
Dr fauzia Naseem shad
रज के हमको रुलाया
रज के हमको रुलाया
Neelam Sharma
रमेशराज के पशु-पक्षियों से सम्बधित बाल-गीत
रमेशराज के पशु-पक्षियों से सम्बधित बाल-गीत
कवि रमेशराज
कायनात की हर शय खूबसूरत है ,
कायनात की हर शय खूबसूरत है ,
Neelofar Khan
4666.*पूर्णिका*
4666.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
जिंदगी को हमेशा एक फूल की तरह जीना चाहिए
जिंदगी को हमेशा एक फूल की तरह जीना चाहिए
शेखर सिंह
अपने भाई के लिये, बहन मनाती दूज,
अपने भाई के लिये, बहन मनाती दूज,
पूर्वार्थ
I've lost myself
I've lost myself
VINOD CHAUHAN
कल की भाग दौड़ में....!
कल की भाग दौड़ में....!
VEDANTA PATEL
कितनी निर्भया और ?
कितनी निर्भया और ?
SURYA PRAKASH SHARMA
ഋതുമതി
ഋതുമതി
Heera S
*पुस्तक समीक्षा*
*पुस्तक समीक्षा*
Ravi Prakash
जो हुआ वो गुज़रा कल था
जो हुआ वो गुज़रा कल था
Atul "Krishn"
" उड़ान "
Dr. Kishan tandon kranti
ये माना तुमने है कैसे तुम्हें मैं भूल जाऊंगा।
ये माना तुमने है कैसे तुम्हें मैं भूल जाऊंगा।
सत्य कुमार प्रेमी
#सुप्रभात-
#सुप्रभात-
*प्रणय*
भाग्य - कर्म
भाग्य - कर्म
Buddha Prakash
बदलती जरूरतें बदलता जीवन
बदलती जरूरतें बदलता जीवन
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
आंखो मे छुपे सपने
आंखो मे छुपे सपने
अमित
जिंदगी से कुछ यू निराश हो जाते हैं
जिंदगी से कुछ यू निराश हो जाते हैं
Ranjeet kumar patre
चार कंधों पर मैं जब, वे जान जा रहा था
चार कंधों पर मैं जब, वे जान जा रहा था
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
बालबीर भारत का
बालबीर भारत का
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
हैं दुनिया में बहुत से लोग इश्क़ करने के लिए,
हैं दुनिया में बहुत से लोग इश्क़ करने के लिए,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
अपने आप से भी नाराज रहने की कोई वजह होती है,
अपने आप से भी नाराज रहने की कोई वजह होती है,
goutam shaw
हालात से लड़ सकूं
हालात से लड़ सकूं
Chitra Bisht
उन व्यक्तियों का ही नाम
उन व्यक्तियों का ही नाम
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
"मेरा प्यार "
DrLakshman Jha Parimal
Loading...