कौन??
ग़र रूठोगे तो तुम्हें मनाएँगा कौन,
निकले आँख से आँसू पोछेगा कौन,
होओगे जब तुम उदास हँसाएँ कौन,
अकेले होंगे तुम तो साथ देगा कौन,
हुएँ राह के तुम्हारे काँटे चुनेगा कौन,
फ़ूल तुम्हारी राहों में बिछाएँ कौन,
दिल के तुम्हारे ज़ज़्बातों को समझेंगा कौन,
आरजूओं को तुम्हारी सँभालेगा कौन,
ख्वाहिशों को तुम्हारी परवाज़ देगा कौन,
जीने की तमन्नाओं को जगाएँगा कौन,
हमारे सिवा तुम्हें सब में संभालेगा कौन।।
मुकेश पाटोदिया”सुर”