कौन हो तुम मेरे?
कौन हो तुम मेरे, जरा बता दो
अब तो इस चुप्पी को मिटा दो।
बेचैन करती है खामोशी तुम्हारी,
अगर मोहब्बत है तुमको तो जता दो।
कर दो इज़हार अब तो प्यार का अपने,
सारे पर्दे जो दर्मियां है हटा दो।
जो बात है दिल में उसे कभी तो आने दो होंठों तक, अब तो मुझे अपना हमसफर बना दो।
आग लगी है दोनों ही तरफ बराबर,
इस आग को बढ़कर हवा दो।
न रहो चुप और अब तो, न यूं खुद को इतनी सज़ा दो।