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11 Feb 2024 · 1 min read

कौन सुनेगा बात हमारी

कौन सुनेगा बात हमारी ,तुम सुनोगे क्या
क्यों भीगी आंखें कजरारी,बताओगे क्या

क्यों अंदर तक ये मन मेरा है छटपटाया
क्यों मैंने खुद को अकेला ही है पाया

क्यों बंधनों में बंधी रहूं मैं तेरे लिए सदा
क्यों मेरे‌ लिए जिंदगी बन गई है कज़ा

कितनी बार अश्क मेरी पलकों पर जमे
लेकिन तेरे ज़ुल्म चाहकर भी न‌ थमे

क्यों मन की गांठें किसी से न खोल पाई
क्यों वक्त रहते कुछ जुबां से न बोल पाई

सुरिंदर कौर

Language: Hindi
1 Like · 223 Views
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