कौन सा सिर फोड़ना है
कौन सा पुल बांधना है ?
कौन सा पुल तोड़ना है ?
यह पुरातन प्रश्न ? अब तक ताजगी से क्यों भरा है ?
और बूढ़ा वृक्ष मरता क्यों नहीं वह क्यों हरा है ?
छांव में इसकी हजारों लोग बैठे सोचते हैं।
कौन सा पथ छोड़ना है ?
कौन सा पथ मोड़ना है ?
आदमी का चेहरा तो एक जलता प्रश्न ? सा दिख रहा है।
बोझ इतना बढ़ चुका है कि एक तरफा खिंच रहा है।
सैकड़ों सिर हैं, मगर यह प्रश्न ? है —
कौन सा सिर जोड़ना है ?
कौन सा सिर फोड़ना है ?
चेहरे की सब लकीरें है इबारत मायूसिंयो की
जिंदगी अब प्रश्न बनकर रह गई है हाशिये की।
सब कड़ी बिखरी हुई हो राह पर तो प्रश्न है —
किस कड़ी को तोड़ना है ?
किस कड़ी को जोड़ना है ?