कौन बुरा..? कौन अच्छा…?
महापंडित महापराक्रमी उस
रावण की सदा बुराइयां जलाते आये है
यहाँ के अज्ञानी और कायर लोग
राम के अच्छाइयो का चोला पहनकर..
‘घर का भेदी लंका ढहाये’
ये कहावत भी उन्ही से प्रचलीत है,
रावण की बुराइयां खत्म नही होती
राम की अच्छाइयों की माला पहनकर..
तीन लोक का महाज्ञानी
दस विषयो का परम बुद्धिमानी
एक राजपाट का स्वयंम अभिमानी
कौन बुरा..? कौन अच्छा…?
क्या इतिहास लिखा है सीता से पूछकर..?
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©✍️’अशांत’ शेखर
15/09/2022