कौन बड़ा चमचा है
गीतिका समारोह – 364
शनिवार, दिनांक – 18/06/2022
आधार छंद -लावणी चौ+मा16+14
समांत -आते पदांत -हो
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अग्निपथ योजना के विरोध में की जा रही हिंसा व एक राजनैतिक पार्टी के नेता पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों के विषय में ई डी द्वारा की जा रही पूछताछ के संदर्भ में।
वर्तमान परिप्रेक्ष्य में देखें 🙏
आग लगाकर हाथ सेंकते, मूरख उन्हें बनाते हो।
भोले भाले उन बच्चों को, क्यों तुम यूॅ बहकाते हो।।(१)
अब तक सारा खून बहा है,बेमतलब बेमकसद के,
छोड़ो नफरत द्वेष घ्रणा को,नाहक खून बहाते हो।(२)
आज अलग सत्याग्रह देखा, दिल्ली की इन सड़कों पर,
झूठ बेचते नेता देखे, सच क्यों ना बतलाते हो।(३)
वफादार साबित करने की, नेताओं में होड़ लगी,
कौन बड़ा चमचा है सबमें, आका को दिखलाते हो।(४)
अटल कहै यह बेबाकी से,कुछ तो शरम निभाओ जी,
देश आग में धधक रहा है, क्यों ना अब समझाते हो।।(५)