Sahityapedia
Login
Create Account
Home
Search
Dashboard
0
Notifications
Settings
#3 Trending Author
VINOD CHAUHAN
127 Followers
Follow
Report this post
30 May 2024 · 1 min read
कौन किसके सहारे कहाँ जीता है
कौन किसके सहारे कहाँ जीता है
मै अपना गम पीता हूँ
और
वो अपना गम पीता है
Tag:
Quote Writer
Like
Share
1 Like
· 113 Views
Share
Facebook
Twitter
WhatsApp
Copy link to share
Copy
Link copied!
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Join Sahityapedia on Whatsapp
Books from VINOD CHAUHAN
View all
कलम की जुबां से
Vinod Chauhan
गूँजते अल्फ़ाज़
Vinod Chauhan
मैं तो महज......... हूँ
Vinod Chauhan
You may also like:
शीर्षक – निर्णय
Sonam Puneet Dubey
शब्द बहुत शक्तिशाली होते है हालांकि शब्दो के दाँत नही होते ल
Ashwini sharma
भोर की खामोशियां कुछ कह रही है।
surenderpal vaidya
दो
*प्रणय*
प्यार शब्द में अब पहले वाली सनसनाहट नहीं रही...
Ajit Kumar "Karn"
अफ़सोस
Shekhar Chandra Mitra
काली छाया का रहस्य - कहानी
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
पत्थर (कविता)
Pankaj Bindas
दिल
Dr Archana Gupta
किसी भी काम को बोझ समझने वाले अक्सर जिंदगी के संघर्षों और चु
Rj Anand Prajapati
स्वयं को चरित्रवान बनाना अपने हाथ में है और आसान भी है
Paras Nath Jha
"इन्द्रधनुष"
Dr. Kishan tandon kranti
जिंदगी में रंजो गम बेशुमार है
इंजी. संजय श्रीवास्तव
4539.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
मेरा दायित्व बड़ा है।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
न कोई काम करेंगें,आओ
Shweta Soni
यह दुनिया समझती है, मै बहुत गरीब हुँ।
Anil chobisa
*वही एक सब पर मोबाइल, सबको समय बताता है (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
*** तूने क्या-क्या चुराया ***
Chunnu Lal Gupta
जब प्रेम की अनुभूति होने लगे तब आप समझ जाना की आप सफलता के त
Ravikesh Jha
माॅं
Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक
*कन्या पूजन*
Shashi kala vyas
राम बनना कठिन है
Satish Srijan
श्याम तुम्हारे विरह की पीड़ा भजन अरविंद भारद्वाज
अरविंद भारद्वाज
दौड़ी जाती जिंदगी,
sushil sarna
Being corrected means we have been wrong , so it can be diff
पूर्वार्थ
व्यावहारिक सत्य
Shyam Sundar Subramanian
ज़िम्मेदार ठहराया गया है मुझको,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
Compromisation is a good umbrella but it is a poor roof.
GOVIND UIKEY
समाज मे अविवाहित स्त्रियों को शिक्षा की आवश्यकता है ना कि उप
शेखर सिंह
Loading...