कौन कहता है ये ज़िंदगी बस चार दिनों की मेहमान है,
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कौन कहता है ये ज़िंदगी बस चार दिनों की मेहमान है,
किसी बहाने से नई ज़िंदगी का रोज़ मिलना खुशनुमा पैगाम है
©️ डॉ. शशांक शर्मा “रईस”
कौन कहता है ये ज़िंदगी बस चार दिनों की मेहमान है,
किसी बहाने से नई ज़िंदगी का रोज़ मिलना खुशनुमा पैगाम है
©️ डॉ. शशांक शर्मा “रईस”