कौन कहता है के मुझे गम है
कौन कहता है के मुझे गम है
ये मेरा बहुत पुराना जख्म है
क्या शिकायत करें इस जिस्म की हम खुदा से
जो मिला है वही कौन सा कम है
अभी कुछ और उलझेगा अभी कुछ और सुलझेगा
ये उनके बालों में नया नया ख़म है
पहले भी मेरी मोहब्बत नही समझता था अाज भी नहीं
मेरा सनम अब भी वही सनम है
मैं जो कुछ भी तेरी तारीफ़ में लिख पाता हूं
खुदा के नमाजें फन का करम है