Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
18 Nov 2021 · 1 min read

कौन करे रखवाली

रै करै कौण घर की रखवाली
*************************

रै करै कौण घर की रखवाली,
रै खू गई सै किते घर की ताली।

दिखदी कोन्या ए खिलती क्यारी,
रै जड पाड़ गया फूलां की माली।

रिशम रीश नै सै दुनिया बिगाड़ी,
रै काम कर दै कोन्या इब ह़ाली।

कुनबे का ऐका त़िनका-त़िनका,
बाजे घर-घर महं थाली पै थाली।

मनसीरत माडै कर्म हो गये भारी,
बजांवें पडौसी देख दे ही ताली।
*************************
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)

Language: Hindi
313 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
जिंदगी एक सफर
जिंदगी एक सफर
Neeraj Agarwal
मैं क्या लिखूँ
मैं क्या लिखूँ
Aman Sinha
शेष
शेष
Dr.Priya Soni Khare
योग का एक विधान
योग का एक विधान
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
आखिर क्यों
आखिर क्यों
DR ARUN KUMAR SHASTRI
दोहा- अभियान
दोहा- अभियान
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
दयालू मदन
दयालू मदन
Dr. Pradeep Kumar Sharma
पुस्तक
पुस्तक
Vedha Singh
हमारी प्यारी मां
हमारी प्यारी मां
Shriyansh Gupta
*शिक्षक हमें पढ़ाता है*
*शिक्षक हमें पढ़ाता है*
Dushyant Kumar
जिंदगी तो पहले से बिखरी हुई थी
जिंदगी तो पहले से बिखरी हुई थी
Befikr Lafz
"चाँद को देखकर"
Dr. Kishan tandon kranti
3365.⚘ *पूर्णिका* ⚘
3365.⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
सूनी बगिया हुई विरान ?
सूनी बगिया हुई विरान ?
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
हाँ मैन मुर्ख हु
हाँ मैन मुर्ख हु
भरत कुमार सोलंकी
राजनीति
राजनीति
Awadhesh Kumar Singh
दर्द को मायूस करना चाहता हूँ
दर्द को मायूस करना चाहता हूँ
Sanjay Narayan
आउट करें, गेट आउट करें
आउट करें, गेट आउट करें
Dr MusafiR BaithA
पर्यावरण
पर्यावरण
Dinesh Kumar Gangwar
दिया है नसीब
दिया है नसीब
Santosh Shrivastava
कार्यशैली और विचार अगर अनुशासित हो,तो लक्ष्य को उपलब्धि में
कार्यशैली और विचार अगर अनुशासित हो,तो लक्ष्य को उपलब्धि में
Paras Nath Jha
देश-प्रेम
देश-प्रेम
कवि अनिल कुमार पँचोली
शहद टपकता है जिनके लहजे से
शहद टपकता है जिनके लहजे से
सिद्धार्थ गोरखपुरी
खुद को इतना .. सजाय हुआ है
खुद को इतना .. सजाय हुआ है
Neeraj Mishra " नीर "
निराशा हाथ जब आए, गुरू बन आस आ जाए।
निराशा हाथ जब आए, गुरू बन आस आ जाए।
डॉ.सीमा अग्रवाल
प्रकृति प्रेम
प्रकृति प्रेम
Ratan Kirtaniya
"" *एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य* "" ( *वसुधैव कुटुंबकम्* )
सुनीलानंद महंत
फितरत
फितरत
Dr. Seema Varma
हम लड़के हैं जनाब...
हम लड़के हैं जनाब...
पूर्वार्थ
मानते हो क्यों बुरा तुम , लिखे इस नाम को
मानते हो क्यों बुरा तुम , लिखे इस नाम को
gurudeenverma198
Loading...