कौन उठाये मेरी नाकामयाबी का जिम्मा..!!
It’z Reality…
हम पर पढ़ाई का भूत सवार, उस पर ठहरे हम नाकार,
सोच -सोच कर बाल झड़ रहे, खर्चो से बापू भी थक गए,
दोस्त -भाई से रिश्ते घट गए, उनसे उधारी के घड़े भी भर गए!
किसको सुनाऊं अपनी कहानी.. सबके कानों में जम गया पानी,
ना कोई सुने, ना कोई समझें, ज़ब -तक पैसों की ना कहे जुबानी!
घर में ठाट बापू जमावे , सब पर अपनी धौंस चलावे,
जो कोई उनकी बात ना माने, घर से भगाने का रौब जतावे!
हम तो कल भी निकम्मे थे, और आज भी वहीं हाल है,
और हमारे दोस्त दिल्ली से मुंबई तक अपना सिक्का जमा चुके है!
बापू कहता रहा बेटा लोगों के बेटों को देखो….
काम भी करते है और पढ़ाई भी करते है,
हमें बचपन की बादाम ज्यादा नहीं मिली,
इसलिए अक्ल ठोकरे खाकर ही आयी!
ज़ब मन पढ़ाई करने का था तब काम भी बे-मन से करना पड़ता था,
और ज़ब काम करना ज़रूरी है, तब पढ़ाई करने का होश आ रहा है!
बापू यार… कभी तो दोस्त बनकर पूछते हमें.. तो कुछ समझाने की जरूरत नहीं पड़ती |
हमेशा बीच मझधार में ही खड़ा रहा मैं..
ना अपनी पढ़ाई पूरे मन से कर पाया मैं..
और ना ही कोई काम लगन से सीख पाया मैं…
अब तुम ही बताओ…
कौन उठाये मेरी नाकामयाबी का जिम्मा…!!
सब मेरी ही गलती है.. मैं ही किसी एक को चुनने की बजाये…
दोनों को साथ में लेकर चलता रहा और आज भी कहीं नहीं पहुंचा हूँ |
❤️ Love Ravi ❤️