Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
23 Feb 2024 · 1 min read

कौन उठाये मेरी नाकामयाबी का जिम्मा..!!

It’z Reality…
हम पर पढ़ाई का भूत सवार, उस पर ठहरे हम नाकार,
सोच -सोच कर बाल झड़ रहे, खर्चो से बापू भी थक गए,
दोस्त -भाई से रिश्ते घट गए, उनसे उधारी के घड़े भी भर गए!
किसको सुनाऊं अपनी कहानी.. सबके कानों में जम गया पानी,
ना कोई सुने, ना कोई समझें, ज़ब -तक पैसों की ना कहे जुबानी!
घर में ठाट बापू जमावे , सब पर अपनी धौंस चलावे,
जो कोई उनकी बात ना माने, घर से भगाने का रौब जतावे!
हम तो कल भी निकम्मे थे, और आज भी वहीं हाल है,
और हमारे दोस्त दिल्ली से मुंबई तक अपना सिक्का जमा चुके है!
बापू कहता रहा बेटा लोगों के बेटों को देखो….
काम भी करते है और पढ़ाई भी करते है,
हमें बचपन की बादाम ज्यादा नहीं मिली,
इसलिए अक्ल ठोकरे खाकर ही आयी!
ज़ब मन पढ़ाई करने का था तब काम भी बे-मन से करना पड़ता था,
और ज़ब काम करना ज़रूरी है, तब पढ़ाई करने का होश आ रहा है!
बापू यार… कभी तो दोस्त बनकर पूछते हमें.. तो कुछ समझाने की जरूरत नहीं पड़ती |
हमेशा बीच मझधार में ही खड़ा रहा मैं..
ना अपनी पढ़ाई पूरे मन से कर पाया मैं..
और ना ही कोई काम लगन से सीख पाया मैं…
अब तुम ही बताओ…
कौन उठाये मेरी नाकामयाबी का जिम्मा…!!
सब मेरी ही गलती है.. मैं ही किसी एक को चुनने की बजाये…
दोनों को साथ में लेकर चलता रहा और आज भी कहीं नहीं पहुंचा हूँ |
❤️ Love Ravi ❤️

Language: Hindi
Tag: लेख
2 Likes · 560 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
कहां से लाऊं शब्द वो
कहां से लाऊं शब्द वो
Seema gupta,Alwar
* खूब खिलती है *
* खूब खिलती है *
surenderpal vaidya
जब सुनने वाला
जब सुनने वाला
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
पुण्य स्मरण: 18 जून2008 को मुरादाबाद में आयोजित पारिवारिक सम
पुण्य स्मरण: 18 जून2008 को मुरादाबाद में आयोजित पारिवारिक सम
Ravi Prakash
"अन्धेरे"
Dr. Kishan tandon kranti
जिंदगी मुझसे हिसाब मांगती है ,
जिंदगी मुझसे हिसाब मांगती है ,
Shyam Sundar Subramanian
आई वर्षा
आई वर्षा
Dr. Pradeep Kumar Sharma
#अभी_अभी
#अभी_अभी
*प्रणय*
Activities for Environmental Protection
Activities for Environmental Protection
अमित कुमार
मोहब्बत जताई गई, इश्क फरमाया गया
मोहब्बत जताई गई, इश्क फरमाया गया
Kumar lalit
हर दुआ में
हर दुआ में
Dr fauzia Naseem shad
सितारों से सजी संवरी इक आशियाना खरीदा है,
सितारों से सजी संवरी इक आशियाना खरीदा है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
कभी आप अपने ही समाज से ऊपर उठकर देखिए।
कभी आप अपने ही समाज से ऊपर उठकर देखिए।
Rj Anand Prajapati
सितारे हरदम साथ चलें , ऐसा नहीं होता
सितारे हरदम साथ चलें , ऐसा नहीं होता
Dr. Rajeev Jain
ज़ख़्म गहरा है सब्र से काम लेना है,
ज़ख़्म गहरा है सब्र से काम लेना है,
Phool gufran
वक्त ये बदलेगा फिर से प्यारा होगा भारत ,
वक्त ये बदलेगा फिर से प्यारा होगा भारत ,
Neelofar Khan
जा रहे हो तुम अपने धाम गणपति
जा रहे हो तुम अपने धाम गणपति
विशाल शुक्ल
Shankar lal Dwivedi and Gopal Das Neeraj together in a Kavi sammelan
Shankar lal Dwivedi and Gopal Das Neeraj together in a Kavi sammelan
Shankar lal Dwivedi (1941-81)
छोड़कर जाने वाले क्या जाने,
छोड़कर जाने वाले क्या जाने,
शेखर सिंह
हर मौसम का अपना अलग तजुर्बा है
हर मौसम का अपना अलग तजुर्बा है
कवि दीपक बवेजा
— मैं सैनिक हूँ —
— मैं सैनिक हूँ —
गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
मुझे किसी को रंग लगाने की जरूरत नहीं
मुझे किसी को रंग लगाने की जरूरत नहीं
Ranjeet kumar patre
आज फिर दिल ने
आज फिर दिल ने
हिमांशु Kulshrestha
मैं झुका नहीं मैं गिरा नहीं
मैं झुका नहीं मैं गिरा नहीं
VINOD CHAUHAN
हे मां शारदे ज्ञान दे
हे मां शारदे ज्ञान दे
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
क्या तुम्हें लगता है कि
क्या तुम्हें लगता है कि
gurudeenverma198
शिव
शिव
Vandana Namdev
अगर आपको अपने आप पर दृढ़ विश्वास है कि इस कठिन कार्य को आप क
अगर आपको अपने आप पर दृढ़ विश्वास है कि इस कठिन कार्य को आप क
Paras Nath Jha
टूट जाता कमजोर, लड़ता है हिम्मतवाला
टूट जाता कमजोर, लड़ता है हिम्मतवाला
ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी
मन की चंचलता बहुत बड़ी है
मन की चंचलता बहुत बड़ी है
पूर्वार्थ
Loading...