कौआ स्नान
पाइन देखि ठंडा-ठंडा, ओहिना सिहरै लोक
ठंढक ऐहन प्रकोप में, केना नहैत हेतै लोक
सोचि-सोचि देह हमर भुलकै…ओ! हो! हो!
पहिल लोटा जखन माथ पर, ढारैत हेतै लोक
…
पाइन देखि ठंडा-ठंडा, ओहिना सिहरै लोक
ठंढक ऐहन प्रकोप में, केना नहैत हेतै लोक
सोचि-सोचि देह हमर भुलकै…ओ! हो! हो!
पहिल लोटा जखन माथ पर, ढारैत हेतै लोक
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